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संस्कृति मंत्रालय

बनाया गया : 16/12/2015
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संस्कृति मंत्रालय देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और बचाव और कला और संस्कृति के प्रचार से संबंधित है। मंत्रालय दो संलग्न कार्यालयों, छह अधीनस्थ कार्यालयों और पैंतीस स्वायत्त संगठनों के माध्यम से काम करता है।

देश के विभिन्न क्षेत्रों के लोक और पारंपरिक कलाओं को बढ़ावा देने के लिए सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र हैं। चार राष्ट्रीय मिशन भी हैं जैसे राष्ट्रीय पांडुलिपियों के लिए मिशन (नेशनल मिशन फॉर मैनुस्क्रिप्ट्स), स्मारकों और पुरावशेषों के लिए राष्ट्रीय मिशन ( नेशनल मिशन फॉर मॉन्यूमेंट्स एंड एंटिक्विटीज़), पुस्तकालयों पर राष्ट्रीय मिशन ( नेशनल मिशन ऑन लाइब्रेरी) और गांधी विरासत स्थल ( गांधी हेरिटेज साइट्स ) मिशन।

यह मंत्रालय मूर्त और अमूर्त विरासत और संस्कृति दोनों के संरक्षण, विकास और प्रचार के लिए जिम्मेदार है और कई ज्ञान संसाधन केंद्रों का प्रबंधन भी करता है। इसके अलावा, मंत्रालय गांधीवादी विरासत को संरक्षित करने और महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं और शताब्दी के स्मरणोत्सव के लिए ज़िम्मेदार है। जहाँ तक मूर्त विरासत की बात है, मंत्रालय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के जरिए, राष्ट्रीय महत्व के सभी केंद्रीय रूप से संरक्षित स्मारकों की देखभाल करता है। इसी तरह, मंत्रालय देश में संग्रहालय के संचलन को भी बढ़ावा देता है और देश के अधिकांश महत्वपूर्ण संग्रहालय इसके प्रशासनिक नियंत्रण में हैं। मंत्रालय अनुदान सहायता के माध्यम से क्षेत्रीय संग्रहालयों को भी बढ़ावा देता है। अमूर्त विरासत के संबंध में, मंत्रालय व्यक्तियों, व्यक्तियों के समूहों और दृश्य और साहित्यिक कलाओं के प्रदर्शन में लगे सांस्कृतिक संगठनों को वित्तीय सहायता देता है। इसी तरह मंत्रालय अपने संगठनों के माध्यम से साहित्य अकादमी और संगीत नाटक अकादमी जैसी संस्थाओं द्वारा दिए जाने वाले पुरस्कारों के माध्यम से कला और संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्टता को मान्यता देने में जुटा है। नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा हमारी परम्पराओं और सांस्कृतिक विविधता के संदर्भ में समकालीन प्रासंगिकता वाले एक जीवंत थिएटर आंदोलन के प्रचार में शामिल है।

यह मंत्रालय देश के सभी प्रमुख पुस्तकालयों का संरक्षक भी है। यह मंत्रालय पुस्तकालय विकास के लिए अनुदान सहायता प्रदान करता है और पुस्तकालय विकास के संबंध में सभी नीतिगत मामलों के लिए भी जिम्मेदार है। भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार यानी नेशनल आर्काइव्स ऑफ़ इंडिया के माध्यम से, मंत्रालय देश के सभी अभिलेखीय रिकॉर्ड के रखरखाव के लिए जिम्मेदार है। मंत्रालय सारनाथ, वाराणसी और लेह में स्थित विभिन्न संस्थानों के माध्यम से बौद्ध और तिब्बती संस्कृति की सुरक्षा और प्रचार के काम में भी लगा हुआ है।

जो लोग कला और संस्कृति के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करना चाहते हैं, उनके लिए मंत्रालय के पास क्षमता निर्माण का एक सुनियोजित कार्यक्रम है। स्कूल ऑफ़ आर्कियोलॉजी (पुरातत्व विद्यालय), स्कूल ऑफ़ आर्काइव्स (अभिलेखागार विद्यालय), नेशनल म्यूज़ियम इंस्टिट्यूट (राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान), एशियाटिक सोसाइटी, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद एशियाई अध्ययन संस्थान जैसी संस्थाओं का उल्लेख इस संबंध में किया जा सकता है। नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा और कलाक्षेत्र फ़ाउंडेशन द्वारा पेश किए जाने वाले विभिन्न कोर्स भी मंत्रालय के क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के कुछ उदाहरण हैं।

मंत्रालय विदेश में भारत के त्यौहारों के आयोजन के माध्यम से अपनी अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति को चिह्नित करता है और इस क्षेत्र में यूनेस्को के विभिन्न सम्मेलनों के कार्यान्वयन के लिए भी जिम्मेदार है।

अधिक जानकारी के लिए कृपया देखेंः

https://indiaculture.gov.in/
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संस्कृति ऐप

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