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जैव प्रौद्योगिकी विभाग
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) ने पिछले 30 वर्षों में आधुनिक जीव विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी के विकास को एक नई गति दी है। नवसृजित क्षेत्र से उदीयमान उद्योग तक के सफर को आसान बनाने के लिए विभाग ने निरंतर सहायता प्रदान की है। कृषि, स्वास्थ्य देखभाल, पशु विज्ञान, पर्यावरण और उद्योग के क्षेत्र में जैव प्रौद्योगिकी के विकास और अनुप्रयोग में महत्वपूर्ण उपलब्धियां रही हैं। आज भारत दुनिया के शीर्ष 12 जैव प्रौद्योगिकी स्थानों में से एक है और एशिया प्रशांत क्षेत्र में तीसरे स्थान पर है। अमेरिका के बाद भारत में अमेरिका के बाद दूसरे सबसे ज्यादा अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन यानी यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA) द्वारा अनुमोदित संयंत्र हैं और यह रीकॉम्बिनेंट ( पुनर्योगज) हेपेटाइटिस बी वैक्सीन का सबसे बड़ा उत्पादक है।
“जैव प्रौद्योगिकी पर शोध में नई ऊंचाइयों को हासिल करना, संपत्ति के सृजन के लिए जैव प्रौद्योगिकी को भविष्य के एक प्रमुख सटीकता उपकरण के रूप में आकार देना और ख़ासकर गरीबों की भलाई के लिए सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना "DBT का विज़न और रणनीति है।
अधिक जानकारी के लिए कृपया देखें https://dbtindia.gov.in/
माईगव पर DBT लोगों को विभाग से जुड़ने और जैव प्रौद्योगिकी से संबंधित विभिन्न मुद्दों में योगदान करने का अधिकार देता है।