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खादी महोत्सव जिंगल प्रतियोगिता

खादी महोत्सव जिंगल प्रतियोगिता
प्रारंभ तिथि :
Oct 07, 2023
अंतिम तिथि :
Nov 15, 2023
23:45 PM IST (GMT +5.30 Hrs)
Submission Closed

खादी स्वतंत्रता संग्राम और हमारे राष्ट्रपिता का वस्त्र है। महात्मा गांधी ने खादी की अवधारण का विकास बेरोजगार ग्रामीण जनता को रोजगार उपलब्ध कराने के साधन के रूप में किया था...

खादी स्वतंत्रता संग्राम और हमारे राष्ट्रपिता का वस्त्र है। महात्मा गांधी ने खादी की अवधारण का विकास बेरोजगार ग्रामीण जनता को रोजगार उपलब्ध कराने के साधन के रूप में किया था। गांधीजी ने स्वदेशी उत्पादों के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया और विदेशी सामानों का बहिष्कार करने का आग्रह किया। देखते ही देखते, खादी राष्ट्रवाद के ताने-बाने के रूप में लोकप्रिय हो गई और ऐसा कहा जाने लगा कि इसे स्वराज के धागों से बुना जाता था। जैसे-जैसे खादी कातने का विचार पूरे भारत में फैलता गया, महात्मा गांधी जी ने लोगों के बीच मौजूद अंतर को कम करके इस साझा व्यवसाय के जरिए सभी वर्गों के बीच एकता की उम्मीद की। इन्हीं के चलते खादी आंदोलन की स्थापना सामाजिक और आर्थिक कारणों से हुई थी। इस आंदोलन का सार इस ताने-बाने के बारे में गांधी जी की समझ में निहित है, जो जनता का उत्थान कर सकता है। इसलिए, खादी भारत का राष्ट्रीय ताना-बाना बन गई और भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक केंद्रीय प्रतीक बन गई।

हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी ने 'खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन' का मंत्र दिया है और खादी को अब एक फैशन स्टेटमेंट के रूप में देखा जाता है। अब इसका इस्तेमाल डेनिम, जैकेट, शर्ट, ड्रेस मैटेरियल, स्टोल, होम फर्निशिंग और हैंडबैग जैसे परिधान एसेसरीज में किया जाता है। खादी और ग्रामोद्योग, हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों, ODOP उत्पादों और स्थानीय स्तर पर या SHGs द्वारा निर्मित अलग-अलग पारंपरिक और कुटीर उद्योगों के उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से और माननीय प्रधान मंत्री द्वारा परिकल्पित वोकल फॉर लोकल अभियान और आत्मनिर्भर भारत अभियान के विचार को और ज्यादा बढ़ावा देने के लिए, भारत सरकार ने विशेष अभियान शुरू किया है जिसका नाम है खादी महोत्सव”.
इस अभियान का उद्देश्य युवाओं को खादी, वोकल फॉर लोकल के प्रति संवेदनशील बनाना और उन्हें हमारी अर्थव्यवस्था, पारिस्थितिकी और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए खादी और स्थानीय उत्पादों के इस्तेमाल के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना और बड़े पैमाने पर लोगों और खास तौर पर युवाओं को खादी और स्थानीय उत्पाद खरीदने के लिए प्रेरित करना और उनमें स्थानीय उत्पादों के प्रति गौरव का भाव जगाना है। खादी महोत्सव जिंगल प्रतियोगिता ऐसी ही एक ऑनलाइन प्रतियोगिता का आयोजन KVIC पर माईगव द्वारा पर किया जा रहा है।

विषय/थीम पर जिंगल्स इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रतिभागियों आत्मनिर्भर भारत/वोकल फॉर लोकल/खादी फॉर नेशन खादी फॉर फैशन से संबंधित विषय/थीम पर जिंगल्स बनाने के लिए आमंत्रित किया जाता हैं। प्रतिभागियों का लक्ष्य खादी महोत्सव के बारे में जागरूकता फैलाना और माननीय प्रधानमंत्री द्वारा परिकल्पित 'वोकल फ़ॉर लोकल' अभियान और 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' के विचार को बढ़ावा देना है। प्रतिभागियों को अपनी रचनात्मक प्रवृत्ति के बारे में जानने और खादी और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने वाली शार्ट फ़िल्म बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इससे आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए युवा आबादी को स्थानीय उत्पादों के इस्तेमाल की ओर आकर्षित करना चाहिए। इसकी मदद से उन्हें खादी और स्थानीय उत्पादों का इस्तेमाल करके आत्मनिर्भर भारत में योगदान करने के लिए उच्च स्तर पर प्रेरित होना चाहिए।

पुरस्कार/रिवॉर्ड:
A. राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष तीन विजेताओं को KVIC ई-कूपन* दिया जाएगा, जिसका मूल्य:
पहला पुरस्कार- 25,000/- मूल्य का ई-कूपन*
दूसरा पुरस्कार- 20,000/- मूल्य का ई-कूपन*
तीसरा पुरस्कार- 15,000/- मूल्य का ई-कूपन*

B.हर भाषा कैटेगरी में एक जिंगल को 15,000/- रुपये का KVIC ई-कूपन* दिया जाएगा।

पुरस्कार KVIC ई-कूपन के रूप में दिए जाएंगे, जो दिए गए KVIC ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर रिडीम किए जाएंगे www.khadiindia.gov.in इस शर्त के तहत कि विजेता को प्लेटफार्म से कम से कम 100/- रुपये के खादी और V.I. उत्पाद खरीदने होंगे www.khadiindia.gov.in इसके अलावा विजेता को ऐसे 5 से 10 आइटम चुनने होंगे, जिन्हें वह KVIC के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर स्थानीय उत्पादों से बदल देगा www.khadiindia.gov.in.

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